‘खेला’ को आख्यान की सिद्ध वर्णन कला और विरल सृजनात्मक भाषा के लिए भी पढ़ा जाना चाहिए। उक्त दोनों ही यहाँ जीवन, विचार, कला के सम्मिलित धागों से से निर्मित हुए हैं और इनकी एक बेहतर पुनर्रचना तैयार कर सकते हैं। संक्षेप में 'खेला' के बारे में कह सकते हैं : एक महत्वपूर्ण उपन्यास जिसमें अभिव्यक्त खुशियाँ, त्रासदियाँ असह्य, बेधक और बेचैन करने वाली हैं फिर भी पाठक उनकी गिरफ़्त में बने रहना चाहेगा।
Khela
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